गुरुवार, 8 सितंबर 2011

दादी की कहानी

दादी की कहानी मुझे सपनों में मिलती है
कुछ अपनी निशानी मुझे सपनों में मिलती है
माँ-बाप को मैं भूल गया जब बडा हुआ,
अब अपनी जवानी मुझे सपनों में मिलती है
तूफान उठाती है पसीना ले आती है,
इक याद पुरानी मुझे सपनों में मिलती है
            सूबे सिहं सुजान

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