शनिवार, 18 जुलाई 2015

एक शेर

मैं राह सुंदर बना रहा हूँ ।
तुम्हारे काँटे हटा रहा हूँ ।।

शनिवार, 24 जनवरी 2015

kitta

शायद ये खासियत हो, जिया हूँ कमी के साथ
वो पढ रहें मुझको बडी सादगी के साथ।
ऐसा नहीं है सिर्फ़ खुदा आदमी के साथ
ये जानवर,जमीन खुदा है सभी के साथ।
######‪#‎सूबे‬ सिंह सुजान ######